खाली हाथ आया था, खाली हाथ जाएगा,
इस कड़वी सच्चाई को दुनिया आज फिर देखेगी।
सुब्रत रॉय ने अपनी जिंदगी के चरम पर सियासत, सिनेमा, स्पोर्ट्स सहित अनेक क्षेत्रों के दिग्गज सेलिब्रिटीज को कई सालों तक अपने इर्द गिर्द नचाया। पर अंतिम समय किसी ने हाल भी न पूछा। अंतिम यात्रा से भी वो दूर रहेंगे।
सुब्रत राय की कम्पनी सहारा में अधिकांश निवेशक निचले तबके के लोग हैं जिनमें से कइयों ने अपनी भुगतान मिलने के आस में ही प्राण त्याग दिए और कईयों को आज भी आस है कि उनके निवेश के पैसे मिल जाएंगे।
भारत में ये नन बैंकिंग कंपनी के जरिये ठगी और फ्रॉड करने की कोई नई घटना नही है
सत्ता की क्षत्र छाया में जबतक इस या इस प्रकार की कंपनी बनी रही तब तक पुष्पित पल्लवित होते रहे,
और साथ ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ये कंपनी भी सत्ता को वित्तीय लाभ भी पहुंचाती रही।
खैर आज सुब्रत राय की बात करें तो इनकी कंपनी पर फ्रॉड का मामला 2010 में आया 2014 में इसे हिरासत में लिया गया फिर जमानत भी मिल जाती है
लेकिन हमारी सुस्त न्यायपालिका 2023 तक तय नही कर पायी की सुब्रत राय अपराधी थे अथवा नही..? क्या सचमुच आरोपी अपराधी था…?
अगर सचमुच आरोपी अपराधी था तो 13 वर्ष गुजर जाने के बाद भी व्यक्ति पर आरोप सिद्ध नही हो पाना ये दुःखद है। हालांकि गरीब निवेशकों की आह लेकर जाने वाले सुब्रत अंत तक तय नही कर पाए कि सचमुच वे अपराधी नही थे,
ये दाग अंत तक बना रह गया।
खुद पर हिमालयी आरोप लेकर गुजर जाना बेहद दुःखदायी होता है पीड़ादायी होता है।
जन्म 10 जून 1948 देहांत बुधवार 14 नवंबर 2023
अंत में इनके शोक संपत परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इनके आत्मा की शांति की कामना।
ॐ शांति।