“मेरे 15 वर्षीय बेटे रोहित को पहले मस्जिद में ले जाया गया, जहाँ उसकी बलि दी गई। गाँव में मुस्लिमों के बीच इस तरह की चर्चा आम थी कि अगर किसी हिन्दू की बलि दे दी जाए तो मस्जिद शक्तिशाली हो जाएगा और इसका प्रभाव बढ़ जाएगा।” – मृत बच्चे के पिता का आरोप
बिहार में पुलिस और प्रशासन की संवेदनहीनता आम है लेकिन ऐसा नज़ारा कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा। मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं। यह सारा आरोप मृत बच्चे के परिवार ने ही लगाया है। बिहार सरकार आज चुप क्यों है। क्या देश की मीडिया आज इस गरीब बच्चे की आवाज उठायेगी। देश के तथाकथित ठेकेदारों मुंह तो खोलो एक गरीब की आज फिर से अंधविश्वास के कारन जान गयी है। इसकी जाँच होनी चाहिए एवं आरोपियों पर कठोड़ करवाई होनी चाहिए।
मस्जिद को शक्तिशाली बनाने के लिए मेरे बच्चे की बलि, पुलिस प्रताड़ना के बाद हमने छोड़ दिया गाँव – प्रताड़ित हिन्दू परिवार
